Friday, October 3, 2008

संजीव तिवारी

नाम - संजीव तिवारी
पिता - स्‍व.श्री आर.एस.तिवारी
माता - स्‍व.श्रीमति शैल तिवारी
शिक्षा - एम.काम., एलएल.बी.
संप्रति - वर्तमान में हिमालया ग्रुप, भिलाई में विधि सलाहकारी सेवा कार्य.
लेखन प्रकाशन - विभिन्‍न पत्र पत्रिकाओं में 1993 से कविता, लेख, कहानी व कला-संस्‍कृति पर आधारित आलेख प्रकाशित.
ब्‍लाग लेखन - छत्‍तीसगढ पर केन्द्रित हिन्‍दी ब्‍लाग 'आरंभ' (www.aarambha.blogspot.com) का संचालन. छत्‍तीसगढ़ के कला-साहित्‍य व संस्‍कृति को नेट प्‍लेटफार्म देकर सर्वसुलभ बनाने हेतु निरंतर प्रयासरत इस क्रम में श्री अशोक सिघई की कृति 'सुन रही हो ना', श्री अश्विनी केशरवानी की कृति 'शिवरीनारायण', श्री परदेशीराम वर्मा की पत्रिका 'अगासदिया', दुर्ग अधिवक्‍ता संघ की मासिक बुलेटिन 'अभिभाषक वाणी' सहित सैकड़ों दस्‍तावेजों की नेट संस्‍करण प्रस्‍तुति।
सम्‍मान/पुरस्‍कार - राष्‍ट्रभाषा अलंकरण, छत्‍तीसगढ़ राष्‍ट्र भाषा प्रचार समिति. वर्ष के सर्वश्रेष्‍ठ क्षेत्रीय लेखक, परिकल्‍पना, लखनउ.

1 comment:

Anonymous said...

Sanjeev Bhai,
"Gurtur - Goth" vaki ma Gurtur hai, Sughghr saj-sajja ke sang Gurtur rachna, Vishesh kar Jasgeet bane lagish.
Chhattisgarh ke kalmakar ke sange-sang chhattisgardiya sahitya padiya man bar Gurtur -Goth swarg ke saman he.
Bahut-Bahut Badhi